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Taki Manto Zinda Rahe
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INFANT ORAL HEALTH CARE
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Sanchi Sadhna Chhandamrit
₹210.00 Original price was: ₹210.00.₹200.00Current price is: ₹200.00.
- Author: Indrani Sahu Sanchi
- Language : Hindi
- Paperback : 238 pages
- ISBN-13 : 978-93-5515-043-1
- Country of Origin : India
- Generic Name : Poetry
- Publisher : Book Rivers (18 Sep 2021
Category: POETRY
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प्रस्तुत पुस्तक मेरे जीवन में घटित घटनाओं, मेरे हृदय में हिलोरें लेती हुई भावनाओं, मेरे देश और समाज के प्रति मेरे भावों, एवं मेरे निजी अनुभवों को काव्य श्रृंखला के एक सूत्र में बंधे उद्गारों का समूह के रूप में सृजित की गई है। इस पुस्तक में रचित सारी कविताएं सरल, सुलभ व सुगम भाषा में आपको समर्पित है जिसे समझने हेतु अधिक समय लगाने की आवश्यकता नहीं है। सारी कविताएं यथा संभव आम जन जीवन से संबंधित हैं और सुपाठ्य हैं। आशा है आप बहुत पसंद करेंगे और आगे भी उत्साह-वर्धन हेतु स्नेह एवं आशीर्वाद प्रदान करते रहेंगे।
Unmukt Chhand (Hindi)
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तीनों रचनाकार नितिन श्रीवास्तव, दुर्गा ठाकरे, दीपक बरनवाल भिन्न भिन्न पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं और उनका साथ आकर एक साथ योगदान करके उन्मुक्त छंद की रचना करना अपने आप में एक बहुत ही बड़े सामंजस्य और समझ बुझ का परिचायक है। इनके साथ आने का संयोग अवश्य ही बहुत शुभ था जो कि अंततः उन्मुक्त छंद की प्रणेता बनी। तीनों ने ही अपनी अपनी जीविकोपार्जन के दौरान विभिन्न प्रकार के अनुभवों एवं विभिन्न प्रकार के विद्वानों से तरह तरह से अभिमुख हुए और उन्ही संगतियों और विसंगतियों के बीच बहुत कुछ सीखा और समझा है, हमें अपने विद्वता का दम्भ भरने का साहस कदापि नहीं कर सकते परंतु उन्मुक्त छन्द के द्वारा समाज के समझ अनुभवों को प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं आपको पसंद आएगी। हमारे जीवन में घटित होने वाले घटनाओं से उपजित भावों का संग्रह है, उन्मुक्त छन्द में हमनें सभी तरह के भावों को संजोने का प्रयास किया है चाहे वह प्रेम हो, जीवन पथ में आने वाले तरह तरह के संघर्ष हों, सामाजिक बुराइयों की आलोचना हो, सामाजिक तंत्र से फैली असमानता हो या गुदगुदाते काव्य हों, सभी को हमनें आपके सम्मुख समान भाव से प्रस्तुत करने की चेष्ठा की है। अभी अभी तो उदित हुए हैं, कि, कहीं दूर अनंत है अपना अंत। लक्ष्य एक इस जीवन का, कि, दर्शित काव्य हो हमारा दिग दिगंत। उन्मुक्त छन्द
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Taaki Sanad Rahe (Hindi)
₹199.00
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- Publisher : Book River (1 January 2021)
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- Country of Origin : India
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चाँद को चाँद चाहिए, फिर मैं इक और चाँद कहाँ से लाऊं। इस जहाँ में नामुमकिन है तो, इक नया जहाँ बनाऊं। सुना है तू चैदहवीं का चाँद, तेरे नैनों से नूर बरसता है। चाँद तुझसे शरमाता है, होठों से शुरूर टपकता है।
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नदी में तृप्त आनंदित और शीतलता का विशेष गुण होता है। वह जब अपनी मंजिल की ओर बढ़ती है, तो राह में आने वाली अवरुद्धता और बाधाओं रूपी चुनौतियों को स्वीकारते बढ़ती है। नदी का पर्याय सरिता है। सरिता की प्रकृति प्रवाहित होना है, यद्यपि प्रवाह का भाव देने और शब्द को अलंकृत करते संस्कृत के इस सुंदर शब्द संहिता का प्रयोग स्थान.स्थान पर किया जाता रहा है।
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‘‘इसमे बुराई क्या हैं ? संदेSH पहुँचाना पुण्य का काम है और तुम्हंE तो इस काम के पैसे भी मिलते हैं। आज के जमानE में डाकिए की नौकरी भी क्या कम हैं ?‘‘ अजय चिढक़र माहेर लगाने लगा। पOस्टमास्टर लौट आया और कुर्सी पर बैठकर बीडी़ पीने लगा। फिर बोला-‘‘अब जाओ भी, चिट्ठियाँ न हीं बांटनी क्या ?‘‘
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