कई दिनों से मन में विचार आ रहा था, क्यों ना अपनी श्रेष्ठ लघुकथाओं को आपके साथ साझा करूं। इन दिनों कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से बचने के लिए घरों में रहकर कुछ ना कुछ करने की जिज्ञासा सभी के मन में होती है। मेरे मन में ऐसे विचार उजागर हो गए। वह दिन आ गया, इन विचारों को एक किताब में बांधने की कोशिश कर रहा हूं। यह बात मन में केंद्रित हो गई। मुझे अपने प्रकाशित तीन लघु कथा संग्रह- फिर सुबह होगी, पानी रे पानी और तेरी बांसुरी मेरी धुन, मन के स्मृति पटल पर उजागर हो गए। इनमें प्रकाशित सभी लघुकथाएं मेरे मन को बहुत शांति देती हैं, जब मैं इनको पढ़ता हूं। मेरे लिए यह सभी श्रेष्ठ लघु कथाएं हैं। पंख होते लघुकथा संग्रह मेरी नज़र में अच्छा वन पाया है, फैसला अपने करना है।
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