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MANAGEMENT OF NON – VITAL IMMATURE TEETH
₹299.00 Original price was: ₹299.00.₹285.00Current price is: ₹285.00.
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Shades
₹120.00 Original price was: ₹120.00.₹110.00Current price is: ₹110.00.
Chhapya Mala
₹249.00 Original price was: ₹249.00.₹230.00Current price is: ₹230.00.
- Author: Sukmoti Chaouhan “Roochi”
- Language : Hindi
- Paperback : 206 pages
- ISBN-13 : 978-93-91000-80-6
- Country of Origin : India
- Generic Name : POetry
- Publisher : Book Rivers (08 August 2021
Category: POETRY
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Dard Ke Saye (Hindi)
₹150.00
इस पुस्तक के लेखक दर्शन कुमार वसन का जन्म जम्मू ( जम्मू कश्मीर ) में 1953 में हुआ। 1975 में जम्मू विश्वविद्यालय से कैमिस्ट्री में एम एस सी की। 1976 में भारत सरकार की सेवा में चण्डीगढ़, भुवनेश्वर और लुधियाना में रहे। 2013 में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना कैम्पस में स्थित केन्द्रीय सरकार के भारतीय अनाज संचयन प्रबंधन एवं अनुसंधान संस्थान से सहायक निदेशक के पद पर से सेवा निवृति प्राप्त की। इस से पहले 10 लघु नाटकों का संग्रह " खोये चेहरे का दर्द प्रकाशित हो चुका है।
I WISH I COULD THE SEARCH AND THE CONTACT
₹149.00
it was so lovely, so shining can i describe it enough? matchless was my sweetheart! missing somewhere in self-being i should have let it go rough perhaps, it was too much care! it was the bonding, not a bondage bouts were just the mere everything was so dreamy souls knew the way, but the life defeated it miserably i thought i will handle it well nodding was not easier, but obligations created a shell i believed love is an art, can‟t be perfected, never be completed through this endless lane, we fell apart and one fine day love and life reasoned and declared to walk away.
Sulagte Lafz
₹139.00
Product details
- Publisher : Book Rivers (9 December 2020)
- Language : English
- Paperback : 73 pages
- ISBN-10 : 9388727045
- ISBN-13 : 978-9388727044
- Country of Origin : India
Unmukt Chhand (Hindi)
₹135.00
तीनों रचनाकार नितिन श्रीवास्तव, दुर्गा ठाकरे, दीपक बरनवाल भिन्न भिन्न पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं और उनका साथ आकर एक साथ योगदान करके उन्मुक्त छंद की रचना करना अपने आप में एक बहुत ही बड़े सामंजस्य और समझ बुझ का परिचायक है। इनके साथ आने का संयोग अवश्य ही बहुत शुभ था जो कि अंततः उन्मुक्त छंद की प्रणेता बनी। तीनों ने ही अपनी अपनी जीविकोपार्जन के दौरान विभिन्न प्रकार के अनुभवों एवं विभिन्न प्रकार के विद्वानों से तरह तरह से अभिमुख हुए और उन्ही संगतियों और विसंगतियों के बीच बहुत कुछ सीखा और समझा है, हमें अपने विद्वता का दम्भ भरने का साहस कदापि नहीं कर सकते परंतु उन्मुक्त छन्द के द्वारा समाज के समझ अनुभवों को प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं आपको पसंद आएगी। हमारे जीवन में घटित होने वाले घटनाओं से उपजित भावों का संग्रह है, उन्मुक्त छन्द में हमनें सभी तरह के भावों को संजोने का प्रयास किया है चाहे वह प्रेम हो, जीवन पथ में आने वाले तरह तरह के संघर्ष हों, सामाजिक बुराइयों की आलोचना हो, सामाजिक तंत्र से फैली असमानता हो या गुदगुदाते काव्य हों, सभी को हमनें आपके सम्मुख समान भाव से प्रस्तुत करने की चेष्ठा की है। अभी अभी तो उदित हुए हैं, कि, कहीं दूर अनंत है अपना अंत। लक्ष्य एक इस जीवन का, कि, दर्शित काव्य हो हमारा दिग दिगंत। उन्मुक्त छन्द
Guldasta-E-Rubayiyaat (Hindi) Hardcover
₹249.00
Product details
- ASIN : B08T5PCWM6
- Publisher : Book River (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Item Weight : 350 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
MYSTICA
₹190.00
MYSTICA is a collection of eighty poems from the golden pen of honorable poet Sunita Singh which blossomson the side lines of a Poetic highway of revelations. All real poetic love experience and bit more a whole, embodied, and engaged with in a poetic life journey from the mind- set of an upcoming poet are well crafted in her fabulous, lovely poems in this book of poetry,Mystica.
Uski Aakar Baaton Main (Hindi)
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नमस्कार, वर्ष 1990 के पूर्व से काव्यधाराएँ मुझे अपनी आरे आकर्षित करने लगी थीं। परन्तु उन कविताओं, गीतो ंमें मेरा अपना क्या था, मुझे समझ नहीं आता था। वर्ष 1990 मे ंजब मैं कक्षा 10वीं में अध्ययनरत था उन दिनो ंमंैन ेएक छन्दात्मक कविता जिसका शीर्षक ‘‘सपना‘‘ लिखी और उसी को मैं अपनी पहली रचना मानता हँू। जिसे मेर ेसहपाठी यारों ने खबू सुना व सराहा खास कर वर्तमान में रीवा मे ंरहन ेवाले मेरे मित्र श्री बृजेश अग्निहोत्री को आज भी यह रचना बहुत पसंद है। छन्दात्मक रचनाओ ंके बाद मैंने अतुकांत रचनाएँ भी लिखीं पर समय के परिवर्तन न ेमुझमे ंभी परिवर्तन लाया और मैं गीत, गज़ल आदि भी लिखने लगा। इसी दौरान मैंन ेआकाशवाणी एवं मंचीय कवि सम्मेलनों मे ंकाव्यपाठ किया। उसी समय से प्रदेश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं मे ंमेरी रचनाओं का प्रकाशन होता रहा है। मैं शुरू से ही अपना नाम ‘‘कुमार सागर‘‘ लिखता आ रहा हूँ। मैंने वर्ष 1995-96 मे ं एक अखिल भारतीय कविसम्मेलन (दमोह) में भी भाग लिया, जिसके आयाजेक, संयाजेक व मंचीय कवि कौन-कौन थे मुझे याद नहीं, परन्तु यह याद है कि मंच का संचालन श्री अशाके चक्रधर जी ने किया था एव ंआदरणीय कुमार विश्वास भी उस मंच पर थे। उस समय भी लोग न ेश्री विश्वास जी को बहुत सुनना था, हम लागे ांे न े काव्यपाठ किया। दसू र े दिन तीन-चार कवियांे के बीच समाचार पत्रों में मेरा चित्र भी प्रकाशित हुआ, जिससे काव्य-रचना के प्रति मेरा रूझान और भी बढ़ा।
Taaki Sanad Rahe (Hindi)
₹199.00
Product details
- Publisher : Book River (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Item Weight : 200 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
- Country of Origin : India
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