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Cehre Par Chehra
₹170.00 Original price was: ₹170.00.₹160.00Current price is: ₹160.00.
- Author: CL Mishra “Sahil”
- Language : English
- Paperback : 159 pages
- ISBN-13 : 978-93-91000-06-6
- Country of Origin : India
- Generic Name : POetry
- Publisher : Book Rivers (01 August 2021
Category: POETRY
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- Publisher : Book River; 1st edition (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Item Weight : 200 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
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Mohan Mere Meet (Hindi)
₹149.00
वास्तव में गोपियों के प्रेेम पर कुछ लिखना मुझ सरीखे साधारण मनुष्य के लिए अधिकार की बात नहीं हैं। गोपियों के प्रेम के रहस्य को परम भक्त ही जान सकता हैं, जिसपर श्रीमती राधिका जी और करूणा वरूणालय श्री कृष्ण की कृपा करेंगे वहीं जान, (लिख) सकता हैं। क्योंकि गोपियों का प्रेम भगवान वासुदेव के प्रति विशुद्ध है, गोपियों का प्रेम कल्पना प्रीत, अलौकिक और अप्राकृत है। बृज के सारे ब्रजवासी भगवान की माया से मुक्त है और भगवान श्याम सुन्दर की आनन्द शक्ति योग माया श्री राधिका जी की ही अध्यक्षता में भगवान श्री कृष्ण की मधुर लीला में योग देने के लिए ब्रज में गोपियों के रूप में ब्रज मँडल में प्रगट हुए है।
Geetika Gunjan (Hindi)
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- Publisher : Book Rivers (25 August 2020)
- Language : Hindi
- Paperback : 111 pages
- ISBN-10 : 9389914590
- ISBN-13 : 978-9389914597
- Country of Origin : India
- Generic Name : Book
साहिल की सुरमई ग़ज़लें
₹180.00
ज़िन्दगी में अगर प्रेम रस को जीवंत करने वाला झूमता गाता वसन्त है, तो तड़प और वेदनाओं से परिपूर्ण बेहद नीरस बना देने वाली बयार भी है। और इनसे जूझने वाली कोशिशें भी । जिसे शक्ति प्रदान करती गजलें। प्रेम मुहब्बत, तड़प और मानवीय पीड़ा को कलात्मक में ढालती गज़ल अपनी सहज और अलंकृत शैली में एक नई शक्ति एक नई ऊर्जा प्रदान कर जाती है
Unmukt Chhand (Hindi)
₹135.00
तीनों रचनाकार नितिन श्रीवास्तव, दुर्गा ठाकरे, दीपक बरनवाल भिन्न भिन्न पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं और उनका साथ आकर एक साथ योगदान करके उन्मुक्त छंद की रचना करना अपने आप में एक बहुत ही बड़े सामंजस्य और समझ बुझ का परिचायक है। इनके साथ आने का संयोग अवश्य ही बहुत शुभ था जो कि अंततः उन्मुक्त छंद की प्रणेता बनी। तीनों ने ही अपनी अपनी जीविकोपार्जन के दौरान विभिन्न प्रकार के अनुभवों एवं विभिन्न प्रकार के विद्वानों से तरह तरह से अभिमुख हुए और उन्ही संगतियों और विसंगतियों के बीच बहुत कुछ सीखा और समझा है, हमें अपने विद्वता का दम्भ भरने का साहस कदापि नहीं कर सकते परंतु उन्मुक्त छन्द के द्वारा समाज के समझ अनुभवों को प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं आपको पसंद आएगी। हमारे जीवन में घटित होने वाले घटनाओं से उपजित भावों का संग्रह है, उन्मुक्त छन्द में हमनें सभी तरह के भावों को संजोने का प्रयास किया है चाहे वह प्रेम हो, जीवन पथ में आने वाले तरह तरह के संघर्ष हों, सामाजिक बुराइयों की आलोचना हो, सामाजिक तंत्र से फैली असमानता हो या गुदगुदाते काव्य हों, सभी को हमनें आपके सम्मुख समान भाव से प्रस्तुत करने की चेष्ठा की है। अभी अभी तो उदित हुए हैं, कि, कहीं दूर अनंत है अपना अंत। लक्ष्य एक इस जीवन का, कि, दर्शित काव्य हो हमारा दिग दिगंत। उन्मुक्त छन्द
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सुबह की धूप का उगना कविता है तो साँझ को सूरज का ढ़लना भी एक कविता है।होली के गीत गाना कविता हो जाता है तो दीवाली के दीपों का प्रज्वलन कविता की सुंदर बानगी है। कविता के अनेक रंग हैए अनेक रूप हैं और अनेक मायने हैं। कविता कभी जीवन का लिबास हो जाती है तो कभी नदी के प्राकृतिक रूप में ढल कर अपने होने का एहसास करा जाती है।दरअसल जिस भी भाव में संवेदना है वह कविता सरीखी हो जाती है। इस कविता संग्रह ढाई आखर के रचनाकार एक नवोदित मगर एक समर्पित भाव के कवि हैं। वे मूलतः छंदों में लिखते हैं। उनके छंद फेसबुक पर फेसबुक के अनेक साहित्यिक समूहों पर धूम मचाते पढ़े जा सकते हैं। संभवतः ऐसा कोई भी रनिंग ग्रुप नहीं होगा जिसमें उनके छंदों का पदार्पण न हुआ हो। बलबीर सिंह वर्मा फेसबुक के कई ग्रुप के चहेते रचनाकार हैं और उनके छंद विभिन्न प्रतियोगिताओं में शताधिक अवार्ड सम्मान पुरस्कार प्रशंसा पत्र सांत्वना पत्र ग्रहण कर चुके हैं और उनकी यह काव्य यात्रा निरंतर बढ़.चढ़कर जारी है।
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