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ख्वाबों की ग़ज़लें
₹199.00
Author: विजय सिंह “विजय”
Language : Hindi
paperback : 109 pages
ISBN-13 :978-93-6884-911-7
Country of Origin : India
Publisher : Book Rivers(17 April 2025)
Category: POETRY
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Ret Par Nadi (Hindi)
₹149.00
नदी में तृप्त आनंदित और शीतलता का विशेष गुण होता है। वह जब अपनी मंजिल की ओर बढ़ती है, तो राह में आने वाली अवरुद्धता और बाधाओं रूपी चुनौतियों को स्वीकारते बढ़ती है। नदी का पर्याय सरिता है। सरिता की प्रकृति प्रवाहित होना है, यद्यपि प्रवाह का भाव देने और शब्द को अलंकृत करते संस्कृत के इस सुंदर शब्द संहिता का प्रयोग स्थान.स्थान पर किया जाता रहा है।
पहला कदम (Pehla Kadam) (Hindi)
₹199.00
पहला कदम नाम कि किताब में प्रिय जनो के लिए कई सारी कविताएं है। लेखिका ने बरेली उत्तर प्रदेश से अपने चाहने वालो के बारे में सभी भावनाओ को कलम बद्घ करने का बीड़ा उठाया है और लेखन की इस दुनिया में उनकी यात्रा कैसे शुरू हुई इसका भी उल्लेख है । यहां इस दुनिया में आम इंसान की तरह सफर तो सभी करते है पर जो आम से खास तक का सफर तय कर के उसे पार कर लेते है वहीं असल मायने में अपनी जंग जीत जाते है कुछ ऐसा ही सफर लेखिका कृतिशा ( चिरैया) ने भी तय किया है। "इस चिरैया को किसी पिंजरे और कैद की जरूरत नहीं क्यूंकि अपनी रियासत की रानी भी यही है, साम्राज्य भी इसका , राज भी और यहां की हुकूमत भी " " शिक्षिका हूं मै किताबो से बढ़कर, ज़िन्दगी सही तरीके से जीना का ढंग सिखा सकती हूं मै इंसान को असल मैयनो में इंसान बना सकती हूं।
Taaki Sanad Rahe (Hindi)
₹199.00
Product details
- Publisher : Book River (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Item Weight : 200 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
- Country of Origin : India
Guldasta-E-Rubayiyaat (Hindi) Hardcover
₹249.00
Product details
- ASIN : B08T5PCWM6
- Publisher : Book River (1 January 2021)
- Language : Hindi
- Item Weight : 350 g
- Dimensions : 12 x 2 x 21 cm
Main Anjum Hoon (Hindi)
₹249.00
My interactions with Anjum Salman Hussain (a.k.a ‘Appiya’ by her family, friends and anyone who knows her) started two years ago initially with gestures of greeting to each other. Gradually along with just the greeting we started talking about life, politics and her work with Civil Defense. Sometimes we also talked and discussed about the history of India and its people. I am quite inspired; by her outlook on life and her ways of dealing with its complexities. Interacting with her has definitely helped me improve my knowledge and has changed my perspective towards life.
Mohan Mere Meet (Hindi)
₹149.00
वास्तव में गोपियों के प्रेेम पर कुछ लिखना मुझ सरीखे साधारण मनुष्य के लिए अधिकार की बात नहीं हैं। गोपियों के प्रेम के रहस्य को परम भक्त ही जान सकता हैं, जिसपर श्रीमती राधिका जी और करूणा वरूणालय श्री कृष्ण की कृपा करेंगे वहीं जान, (लिख) सकता हैं। क्योंकि गोपियों का प्रेम भगवान वासुदेव के प्रति विशुद्ध है, गोपियों का प्रेम कल्पना प्रीत, अलौकिक और अप्राकृत है। बृज के सारे ब्रजवासी भगवान की माया से मुक्त है और भगवान श्याम सुन्दर की आनन्द शक्ति योग माया श्री राधिका जी की ही अध्यक्षता में भगवान श्री कृष्ण की मधुर लीला में योग देने के लिए ब्रज में गोपियों के रूप में ब्रज मँडल में प्रगट हुए है।
Chahat Ka kamal Safalta ki Chabhi (Hindi)
₹175.00
सरल और आसान भाषा में लिखी गई यह किताब सांसारिक जीवन में प्यार और पति-पत्नी के प्यार और उनके तथा परिवार के सम्बन्धों पर लिखी गई है। जो जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान बताती है। ताकि हमारा सांसारिक जीवन सुखमय हो और किस तरह से पति-पत्नी इस जीवन मं आनंदपूर्वक जीवन का आनंद उठा सकें तथा अपने सम्बन्धों को प्रेम पूर्ण बना कर अपने जीवन को उत्सव बनाया जाए! कैसे जीवन को धरती का स्वर्ग बनाएं ? वे कौन सी शक्तियां है जो हमें जीवन की हर समस्या का समाधान देती हैं। अपने जीवन को स्वर्ग बनाना अपनी सोच पर निर्भर करता है।
Uski Aakar Baaton Main (Hindi)
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नमस्कार, वर्ष 1990 के पूर्व से काव्यधाराएँ मुझे अपनी आरे आकर्षित करने लगी थीं। परन्तु उन कविताओं, गीतो ंमें मेरा अपना क्या था, मुझे समझ नहीं आता था। वर्ष 1990 मे ंजब मैं कक्षा 10वीं में अध्ययनरत था उन दिनो ंमंैन ेएक छन्दात्मक कविता जिसका शीर्षक ‘‘सपना‘‘ लिखी और उसी को मैं अपनी पहली रचना मानता हँू। जिसे मेर ेसहपाठी यारों ने खबू सुना व सराहा खास कर वर्तमान में रीवा मे ंरहन ेवाले मेरे मित्र श्री बृजेश अग्निहोत्री को आज भी यह रचना बहुत पसंद है। छन्दात्मक रचनाओ ंके बाद मैंने अतुकांत रचनाएँ भी लिखीं पर समय के परिवर्तन न ेमुझमे ंभी परिवर्तन लाया और मैं गीत, गज़ल आदि भी लिखने लगा। इसी दौरान मैंन ेआकाशवाणी एवं मंचीय कवि सम्मेलनों मे ंकाव्यपाठ किया। उसी समय से प्रदेश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं मे ंमेरी रचनाओं का प्रकाशन होता रहा है। मैं शुरू से ही अपना नाम ‘‘कुमार सागर‘‘ लिखता आ रहा हूँ। मैंने वर्ष 1995-96 मे ं एक अखिल भारतीय कविसम्मेलन (दमोह) में भी भाग लिया, जिसके आयाजेक, संयाजेक व मंचीय कवि कौन-कौन थे मुझे याद नहीं, परन्तु यह याद है कि मंच का संचालन श्री अशाके चक्रधर जी ने किया था एव ंआदरणीय कुमार विश्वास भी उस मंच पर थे। उस समय भी लोग न ेश्री विश्वास जी को बहुत सुनना था, हम लागे ांे न े काव्यपाठ किया। दसू र े दिन तीन-चार कवियांे के बीच समाचार पत्रों में मेरा चित्र भी प्रकाशित हुआ, जिससे काव्य-रचना के प्रति मेरा रूझान और भी बढ़ा।
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