पहला कदम नाम कि किताब में प्रिय जनो के लिए कई सारी कविताएं है। लेखिका ने बरेली उत्तर प्रदेश से अपने चाहने वालो के बारे में सभी भावनाओ को कलम बद्घ करने का बीड़ा उठाया है और लेखन की इस दुनिया में उनकी यात्रा कैसे शुरू हुई इसका भी उल्लेख है । यहां इस दुनिया में आम इंसान की तरह सफर तो सभी करते है पर जो आम से खास तक का सफर तय कर के उसे पार कर लेते है वहीं असल मायने में अपनी जंग जीत जाते है कुछ ऐसा ही सफर लेखिका कृतिशा ( चिरैया) ने भी तय किया है। "इस चिरैया को किसी पिंजरे और कैद की जरूरत नहीं क्यूंकि अपनी रियासत की रानी भी यही है, साम्राज्य भी इसका , राज भी और यहां की हुकूमत भी " " शिक्षिका हूं मै किताबो से बढ़कर, ज़िन्दगी सही तरीके से जीना का ढंग सिखा सकती हूं मै इंसान को असल मैयनो में इंसान बना सकती हूं।
कोरोना वायरस ने सभी को अचंभित कर दिया है। इन परिस्थितियों की परिकल्पना किसी ने नहीं की होगी। इस भीषण महामारी से, मिल कर निकलने का प्रयास करना होगा।सभी के सहयोग और सतत् प्रयास से ही, विजय प्राप्त हो पाएगी।इसके लिए हिम्मत और धैर्य की आवश्यकता होगी। कोरोना ने एक अवसर दिया हैं,जीवन मूल्यों और आवश्यकताओं का पुनर्विचार करने को। प्रस्तुत कविता संग्रह, इसी दिशा में एक छोटा सा प्रयास है।लंबे समय से काफी विचार उभर रहे थे,उन्हें कविताबद्ध किया है। निहित विचारों का मंथन करें और स्फूर्ती व ताज़गी के साथ, जीवन की नई शुरूआत करें। आशा करता हूँ कि इस काव्य संग्रह के माध्यम से अपने विचार, वह भावनाएँ आप से सांझा कर पाऊँगा। प्रस्तुत कविताएँ आपको उत्साहित करेंगी और मन को छुएंगी।आप के स्नेह वह प्रतिक्रिया की अपेक्षा रहेगी। -दिनकर चौपड़ा
काव्य संग्रह का शीर्षक पिट्ठू गरम है पढ़कर मन में यह जरूर लगेगा कि आखिर इसका अर्थ क्या है किन्तु जब शब्दों की यही सादगी अपने काव्य के लालित्य से आनंद की महक बिखेरती है तो यह चर्चित काव्य संग्रह को पढ़ने मन मचल उठता है। कवि अंकुर सिंह को इस सार्थक और प्रशंसनीय लेखन के लिए हार्दिक बधाई और बहुत सारी शुभकामनाएं।
Lyrical Journey is a collection of poetry about the ups and downs of India, a country whose heart is always filled with hope even in the dark conditions. A collection of 24 poems gives you a striking feature of different phases encountered by country people. Being Indian is itself a complete sense of entirety and that's what the poet wants to describe here in these poems
Looking down the river Jhelum, from the middle of the Zero Bridge, I always felt lighter, and my spirits uplifted. I always felt its serpentine stream whispering into my ears. Though I could not make much out of those whispers. I was just a young teenager full of exuberance and energy. A chrysalis jostling to open the wings. An embryo ready to break the shell. Restless kitten hustling around in its own bliss.
सम ~समभाव(equanimity) ,संयुक्त करना, संक्षिप्त विवरण देना,मिलाना ,जोड़ना, योग,जोड़,सम्भावना, सम वेदना और सम शानI “सम” मानव की पहली हिंदी रिक्त कविता, रचना है I First attempt of commonplace, blank verses and relatable poetry by Author Manav
हमारा दृश्य रूप हैं हमारा शरीर। यह प्रकृति की अद्भुत रचना है।इसमें अनन्त शक्तियाँ निहित हैं। सारी प्राप्तियों का साधन शरीर ही है। जीवन में सब कुछ प्राप्त करने का साधन शरीर ही हैं। इसे स्वस्थ, सुगठित, क्रियाशील, ऊर्जावान व अध्यवसायी बनाए रखने का दायित्व हम पर ही है। इसमें कुछ दोष आ यगा तो हम अपना कत्र्तव्य पथ भूल इस साधन की देख-रेख में लग जाएँगे हमारा लक्ष्य पीछे रह जाएगा।
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At the lobby the manager was waiting, it appeared that he was happy that tiger was sighted which meant that in actuality tigers make appearance. So all in all the group had spotted Cleopatra. There was no room for controversies, so they gleefully enjoyed the tea offered by the resort. Victorious, the group made their next move to the cottage for freshening up. Arnold spoke in a loud voice “boys and girls next meeting at eight PM in the lawn”.
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